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Mahamrityunjay Mantra Jaap - महामृत्युंजय मंत्र

 महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे - Mahamrityunjay Mantra Benefits

Mahamrityunjaya Mantra in Hindi: "महामृत्युंजय मंत्र" महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की आराधाना के लिए जाप किये जाने वाले मंत्रो में एक प्रभावशाली मंत्र माना गया है । हम आपको उनके सबसे प्रभावशाली महामृत्युंजय मंत्र के बारे में बता रहे हैं। 

महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव की स्तुति, साधना, जप ,तप और उन्हें प्रसन्न करने के अलावा गंभीर बीमारियों से छुटकारा पाने हेतु, अकाल मृत्यु के डर से मुक्ति पाने में बहुत ही कारगर मंत्र माना जाता है। गंभीर बीमारी, दुर्घटना, मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों को दूर करने और आयु बढ़ाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करने का विधान है। हिंदू धर्म में वर्णित सभी मंत्रों में इस मंत्र का विशेष स्थान होता है। ऐसी मान्यता है इस मंत्र के जाप करने से व्यक्ति मृत्यु के करीब पहुंचकर भी मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेता है। महामृत्युंजय मंत्र में मुख्य तौर पर भगवान शिवजी की स्तुति की जाती है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला विशेष एवं प्रभावशाली मंत्र है। यह मंत्र ऋग्वेद और यजुर्वेद में भगवान शिव की स्तुति में लिखा है। शास्त्रों के अनुसार इस दिव्य मंत्र का जप  सबसे पहले ऋषि मार्कंडेय ने किया था।


संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र - Mahamrityunjay Mantra in English


ॐ हौं जूं सः 

Om Haum Joon Sah

ॐ भूर्भुवः स्वः 

Om Bhur bhwah Swan\h

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् 

Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam, Urvarukamiva Bandhnaan Mrityor Mukshiya Maamritat

ॐ स्वः भुवः भूः 

Om Swah Bhuwah Bhu

ॐ सः जूं हौं ॐ

Om Swah Joon Haum Om


लघु मृत्युंजय मंत्र - Laghu Mahamrityunjay Mantra


ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।


महामृत्‍युंजय मंत्र का अर्थ और जप की विधि - Mahamrityunjay Mantra arth aur Jaap ki Vidhi in hindi lyrics


इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्रों को धारण करने वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं। इस पूरे विश्‍व में मनोरम फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्‍यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे की हमें मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।


महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप आपको सवा लाख बार करना चाहिए। वहीं, भोलेनाथ के लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार किया जाता है। सावन माह में इस मंत्र का जाप अत्यंत ही कल्याणकारी व् शुभकारी  माना जाता है। वैसे यदि  आप अन्य माह में इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सोमवार ​के दिन से इसका प्रारंभ करना चाहिए। इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना उचित माना जाता है। ध्यान रखें कि दोपहर 12 बजे के बाद महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप न करें। मंत्र का जाप पूर्ण होने के बाद हवन करना अति उत्तम माना जाता है।


क्यों किया जाता हैं महामृत्युंजय मंत्र का जाप

महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष परिस्थिति में ही किया जाता है। अकाल मृत्यु, महारोग, धन-हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसे स्थितियों में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इसके बहुत से चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं। इन सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।

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