आत्मा और दो बहनें
एक गांव में एक क्रूर बुढ़िया और उसकी दो पोतिया रहा करती थी। वह बुढ़िया सुबह शाम अपनी दोनों पोतियो को कोड़े मारा करती थी। उसकी इन सभी हरकतों से दोनों लड़किया बहुत परेशांन थी गांव वाले भी ये सब देख कर बहुत दुखी होते थे लेकिन कोई कुछ भी नहीं कर सकता था। एक दिन दोनों लड़किया तंग होकर वहां से भाग गयी जब वो नाव में बैठ कर नदी पर कर रही थी तभी एक और नाव सामने से आ गयी जिसमे एक बूढी औरत बैठी हुई थी उसका नाम सिल्ला था। ज्यादा पानी के बहाव से दोनों नाव आपस में टकरा गयी और पलट गयी।
लड़कियों को तैरना आता था इसलिए वो पानी से बहार आ गयी लेकिन बूढी औरत डूबने लगी तभी बड़ी बहन ने छोटी से कहा "देखो वो औरत दुब जाएगी चलो उसको बचाते है और उन्होंने उसे बहार निकल दिया।
सिल्ला ने दोनों का सुक्रिया किया और कहा कि उसे उस बुढ़िया के पास जाना है जो अपनी पोतियो को मारती है तभी लड़कियो ने कहा कि वो तो हमारी ही दादी है तभी सिल्ला ने उन्हें बताया कि ये सब एक आत्मा कि वजह से हो रहा है उसने बताया कि जब उसकी दादी जवान थी तो एक तांत्रिक का बेटा उसे पसंद करता था लेकिन तुम्हारी दादी कि शादी तुम्हारे दादा से हुई और वो तुम्हारे दादा को ही पसंद करती थी।
इसी बात से परेशांन होकर तांत्रिक ने तुम्हारी दादी पर एक बुरी आत्मा को छोड़ दिया जिसकी वजह से वह तुम्हारे साथ मारपीट करती है।
लड़कियों ने पूछा फिर "इससे से दादी को कैसे मुक्त करें ?"
सिल्ला ने बताया कि तुम्हे एक काली नदी में जाना पड़ेगा और वहां से मटका भर कर पानी लेकर अपनी दादी पर डाल देना जिससे वो
आत्मा खत्म हो जाएगी और तुम्हारी दादी मुक्त हो जाएगी।
लड़कियों ने बिलकुल ऐसा ही किया और इस तरह आत्मा खतम हो गयी इसके बाद सभी मिलजूल कर प्यार से रहने लगे ।
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